यादव जी कहिन - बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार एक नेता ही नहीं शब्दों के अच्छे ज्ञाता भी हैं। इससे भी बढ़कर ये एक अच्छे सामंत भी हैं। पहले जब गाँधी जी ने अछूतों को हरिजन कहा तो बाबा साहेब ने इसका कडा विरोध किया था। बाबा साहेब ने कहा था कि अछूत हरि के जन नहीं बल्कि अपने माँ बाप के जन हैं। अपने जीवन काल में ही बाबा साहेब ने हरिजन शब्द को संबिधान से हटा दिया। खैर अब तो जमाना ही बदल गया है। एक बैकवर्ड नीतिश कुमार फारवर्ड्स की चमचागिरी में बैकवर्ड समाज को कई टुकडो में बांटकर राजनीति कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि हमारे अपने ही समाज के कुछ लोग (जिसमे एक श्याम रजक नामक नेता भी शामिल है ) नीतिश के मायाजाल के ख़ुद तो शिकार बन ही रहे हैं और बैकवर्ड समाज को भी शिकार बनाने में जयचंद की भूमिका निभा रहे हैं। और नीतिश ने दलित को दौलतमंद तो नही मह्दलित की संज्ञा देकर अपनी कुर्मिगिरी का साबुत दे ही दिया है।
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