(यादवजी कहिन) अपने मत्रीत्व्काल मे भारतीय रेल को घाटे से मुनाफ़ा दिलाने वाले पूर्व रेल मत्री लालू प्रसाद ने कहा है कि रेल के क्षेत्र मे उनके द्वारा किये गये प्रयासों से भारतीय रेल ने 20000 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया और इसी कारण नीतिश कुमार उनसे जलते है। राजद सुप्रीमो ने बताया कि ममता बनर्जी द्वारा यह कहा जाना कि भारतीय रेल के पास केवल 8361 करोड़ रुपया ही सरप्लस है तथ्य से परे है। इन्होने कहा कि माननीया रेल मन्त्री जी ने नौ जुलाई को सदन में स्वीकारा कि लाभांश पूर्व कैश सरप्लस 17400 करोड़ रुपया है तो अचानक यह घटकर 8361 करोड़ रुपये कैसे हो गया यह ममता जी ही बता सकती हैं। इन्होने यह भी कहा कि वर्तमान रेल मंत्री द्वारा बताया गया 8361 करोड़ रुपया का मुनाफ़ा केवल वर्ष 2008-09 का ही है जो लाभांश पूर्व कैश 17400 करोड़ रुपये सरप्लस मे से डिविडेंट लगभग 300 करोड़ रुपये और विकास निधि लगभग 17400 करोड़ के घटाने के बाद आया है। इन्होने बताया कि लाभांश पूर्व कैश सरप्लस और शुद्ध मुनाफ़ा दोनो अलग चीजें हैं जिसमे कन्फ़्युजन पैदा किया जा रहा है। सच्चाई है कि लाभांश पूर्व कैश सरप्लस मे पुरानी सम्पत्तियों को बदलने के लिये डिप्रिसिएशन फ़ंड में प्रावधान किया जाता है तथा डिविडेंट का भुगतान किया जाता है। इसमे से जो राशि बचती है उसे रेल्वे की नई परियोजनाओं के लिये कैपिटल फ़ंड और विकास निधि में रखा जाता है। डिविडेंट और विकास निधि का प्रावधान करने के बाद जो राशि बचती है उसे शुद्ध सरप्लस कहा जाता है।
लालू प्रसाद ने कहा कि ममता बनर्जी ने दिनांक 3 जुलाई 2009 को जब इस वर्ष का नियमित रेल बजट पेश करते समय इस तथ्य को स्वीकार किया है कि आर्थिक मंदी के कारण 2008-09 में लाभांश पूर्व कैश सरप्लस केवल 17400 करोड़ रुपये हो गया है। जिसके अनुसार पिछले सँभालना सालों का कुल लाभांश पूर्व कैश सरप्लस 88966 करोड़ रुपये आता है। इन्होने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2004-05 में लाभांश पूर्व कैश सरप्लस 11044 करोड़ रुपये, 2005-06 में 14849 करोड़ रुपये, 2006-07 में 20647 करोड़ रुपये, 2007-08 में 25006 करोड़ रुपये और वर्ष 2008-09 में 19320 करोड़ रुपये था। इस प्रकार पिछले पांच सालों में भारतीय रेल का लाभांश पूर्व कैश सरप्लस 90896 करोड़ रुपये रहा।
लालू प्रसाद ने चुनौती देते हुए कहा है कि कोई भी इन आंकड़ों को गलत साबित कर दे अन्यथा आम जनता को आंकड़ों को लेकर भ्रम न फ़ैलाया जाये। इन्होने कहा कि इन्होने प्रत्येक वर्ष लाभांश पूर्व कैश पूर्व सरप्लस का आंकड़ा सदन में पेश किया जो रेल्वे के वित्त आयुक्त के द्वारा बजट के दौरान तैयार किया गया था जिसे बाद में महालेखाकार द्वारा औडिट किया गया। इससे जुड़े सारे दस्तावेज रेल मंत्रालय के पास है जिसकी जांच कराई जानी चाहिये और श्वेत्पत्र में इसका खुलासा किया जाना चाहिये।
लालू प्रसाद ने कहा कि ममता बनर्जी ने दिनांक 3 जुलाई 2009 को जब इस वर्ष का नियमित रेल बजट पेश करते समय इस तथ्य को स्वीकार किया है कि आर्थिक मंदी के कारण 2008-09 में लाभांश पूर्व कैश सरप्लस केवल 17400 करोड़ रुपये हो गया है। जिसके अनुसार पिछले सँभालना सालों का कुल लाभांश पूर्व कैश सरप्लस 88966 करोड़ रुपये आता है। इन्होने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2004-05 में लाभांश पूर्व कैश सरप्लस 11044 करोड़ रुपये, 2005-06 में 14849 करोड़ रुपये, 2006-07 में 20647 करोड़ रुपये, 2007-08 में 25006 करोड़ रुपये और वर्ष 2008-09 में 19320 करोड़ रुपये था। इस प्रकार पिछले पांच सालों में भारतीय रेल का लाभांश पूर्व कैश सरप्लस 90896 करोड़ रुपये रहा।
लालू प्रसाद ने चुनौती देते हुए कहा है कि कोई भी इन आंकड़ों को गलत साबित कर दे अन्यथा आम जनता को आंकड़ों को लेकर भ्रम न फ़ैलाया जाये। इन्होने कहा कि इन्होने प्रत्येक वर्ष लाभांश पूर्व कैश पूर्व सरप्लस का आंकड़ा सदन में पेश किया जो रेल्वे के वित्त आयुक्त के द्वारा बजट के दौरान तैयार किया गया था जिसे बाद में महालेखाकार द्वारा औडिट किया गया। इससे जुड़े सारे दस्तावेज रेल मंत्रालय के पास है जिसकी जांच कराई जानी चाहिये और श्वेत्पत्र में इसका खुलासा किया जाना चाहिये।
gumrah kar rahe nitish? yaa gumrah kar rahi mamta? the data facts are good! people should know about it.
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