कभी कभी मुझे बहुत गर्व महसूस होता है जब मैं दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों में जाता हूँ और स्त्री और पुरूष के मध्य अंतर को बिल्कुल ख़त्म पाता हूँ जबकि मेरे बिहार में अभी यह स्थिति नही है। हांलाकि आज की राजनीति में सत्तासीन कई नेता आए दिन बंद कमरे में अपने पुरुषत्व का नंगा नाच दिखाते हैं। इसके आलावा चिरियाघर में युवा जोड़े प्रेमालिंगन में लिप्त खुलेआम लिप्त रहते है। कल एक महिला को कुछ लोगो ने बीच सड़क नंगा कर दिया। मालूम हुआ कि जिस लड़की के साथ यह घटना हुई वह स्वयं कालगर्ल है। मेरा मन भन्ना उठा। परंतु पुरी बात जानने की ललक ने मुझे घटनास्थल पर जाने को मजबूर किया ।
जब मैं वहां पहुंचा तब मैंने देखा वह लड़की नग्न नही थी सो मुझे अपनी आमखो को बंद नही करना पड़ा। कुछ लोग उस लड़की को भला बूरा कह रहे थे तो कोई उसके स्तन को दबाकर उसे परेशान कर रहा था। बड़ी विचित्र स्थिति थी। मेरा मन क्रोधित हो रहा था परंतु इस वजह से कि मैं पत्रकार हूँ कोई पुलिस वाला नही मैं खामोश रह गया। मुझे विश्वास है जो मैं सोच रहा था वह अधिकांश लोग सोच रहे थे। परन्तु न तो मैंने या फ़िर पुलिस ने लड़की को छेड़ रहे लोगो को मना किया। मैं भी उस लड़की को बेईज्ज़ती का मजा ले रहा था। लोगो के द्वारा किया जरा एक महिला का अपमान देखने और सुनाने का अपना ही मजा है। मैं देख रहा था और अपने कलम को पाकेट को हवाले कर लौट गया।
जब रात को घर पहुंचा और सोने के लिए बिछावन पर लेता मेरी आंखों ने मेरा साथ नही दिया। मैंने आज वह किया जो मैंने कभी नही किया था। लेकिन अब नही करूंगा यह मेरा वादा है आपसे।
Friday, July 24, 2009
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दिल्ली और कोल्कता में भी येही हाल है बदमाश निरंकुश और पुलिस बदहाल है
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