यादवजी कहिन- बिहार में यादव समाज की अजीब दास्ताँ है। जो गरीब है, अशिक्षित है और असहाय है उन्हें लालू भागवान दिखते हैं। जो पढ़ लिखकर फारवर्ड बन गए हैं उनके लिए लालू रावण बन गए हैं। बिहार की जनता जानती है कि लालू और नीतिश दोनों चोर हैं लेकिन कोई भी लालू या नीतिश या फ़िर इनदोनों का खुलकर विरोध नही करना चाहता है। यादव समाज के बुद्धिजीवी जिन्हें मैं जनता हूँ ये सभी मतलब के यार हैं। मुझे दुःख तब हुआ जब इनमे से किसी ने भी यादव समाज के विकास के लिए कोई निस्वार्थ पहल नही किया है।
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